कुछ शब्द ध्वनि और उच्चारण की द्रष्टि से समान प्रतीत होते है | ऐसे शब्दों के प्राय: युग्म-रूप होते है | तथा इनमें समानार्थकता-एकार्थकता का आभास होता है | ऐसे शब्दों को –
1. समोच्चरित एकार्थक
2. एकार्थ भिन्नार्थक कहा जाता है |
श्रुति समभिन्नार्थक (समोच्चरित) शब्द
शब्द – अर्थ
1. अविराम – लगातार
अभिराम – सुन्दर
2. अंस – कन्धा
अंश – हिस्सा
3. अर्चन – पूजा
अर्जन – संग्रह
4. अनु – पीछे
अणु – छोटा
5. अवलम्ब – सहारा
अविलम्ब – शीघ्र
6. अन्त – समाप्त
अन्त्य – अन्तिम
7. अविज्ञ – मुर्ख
अभीज्ञ – विद्धान
8. अन्य – दूसरा
अन्न – अनाज
9. अम्बुज – कमल
अम्बुद – बादल
10. अभय – निडर
उभय – दोनों
11. अरि – शत्रु
अरी – सम्बोधन
12. अचार – आम आदि का अचार
आचार – आचरण
13. कच – बाल
कुच – स्तन
14. क्रीत – खरीदा हुआ
कृत – किया हुआ
15. कीट – कीड़ा
कटि – कमर
16. एव – ही
एवं – और
17. अहि – सर्प
अह – दिन
18. उधार – ऋण
उद्धार – मुक्ति
19. केशव – सुगन्धित पत्तियाँ
केसर – सिंह की जटा
20. गर्व – घमण्ड
गर्भ – आंतरिक भाग
21. धनी – धनवान
धणी – स्वामी
22. निर्वाण – मोक्ष
निर्माण – रचना
23. तरणी – नाव
तरणि – सूर्य
24. नीर – पानी
नीड़ – घोंसला
25. नम्र – विनीत
नरम – कोमल
26. पावस – वर्षा
पायस – खीर
27. प्रसाद – कृपा
प्रासाद – महल
28. नम – गीला
नम: - नमस्कार
29. प्रथा – कुंती
पृथा – कुन्ती
30. व्रत – उपवास
वृत्त – घेरा
31. व्यंजन – खाद्य वस्तुएँ
व्यजन – पंखा
32. शकल – मुंह की बनावट
सकल – सब
33. शर – बाण
सुर – तालाब
34. स्व – स्वयं
श्वा – कुत्ता
35. प्रणीत – रचित
परिणीत – विवाहित
36. पाणि – हाथ
पानी – जल
37. पवन – हवा
पावन – पवित्र
38. भाग – हिस्सा
भाग्य – तकदीर
39. वृन्द – समूह
वृन्त – डंठल
40. शंकर – शिव
संकर – मेल
41. शुर – वीर
सुर – सूर्य
42. शम – शांति
सब – सम्पूर्ण
43. सर्ग – सृष्टि
स्वर्ग – देवलोक
44. सील – मुहर
शील – सदाचरण
45. स्वजन – अपना व्यक्ति
श्वजन – कुत्ता
46. शमी – एक पेड़
समीर – वायु