परिभाषा – पूर्ण अर्थ प्रकट करने वाले एवं विशेष क्रम में संयोजित सार्थक शब्दों के समूह को वाक्य कहते हैं।
जैसे – 1. गीता प्रतिदिन व्यायाम करती है।
2. वर्तमान में बच्चों की पढाई का स्तर उतरोतर बढ़ रहा।
1. उद्देश्य – वाक्य में जिस व्यक्ति या वस्तु के सम्बन्ध में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते है।
जैसे – A. आपस में झगड़ना अच्छा नही रहता है।
B. घूमना स्वास्थ्य के लिए हितकर रहता है।
2. विधेय – उद्देश्य (कर्ता)के सम्बन्ध में जो कुछ कहा जाता है,उसे विधेय कहते है।
जैसे – 1. विद्यार्थियों को अनुशासनप्रिय होना चाहिए।
1.आकंशा 2. योग्यता 3. आसन्ति 4. सार्थकता 5. अन्वय 6.पदक्रम
क्रिया के अनुसार वाक्य के तीन भेद होते हैं।
कर्तृवाच्य – सीता पुस्तक पढ़ती हैं।
कर्मवाच्य – सीता से पुस्तक पढ़ी जाती हैं।
भाववाच्य – राम से सोया जाता हैं।
सरल वाक्य - जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य और विधेय होता है,उसे सरल वाक्य कहते है।
जैसे - वह गाना गाती हैं।
संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में एक से अधिक साधारण या मिश्र वाक्य हो और वे किसी संयोजक अव्यय द्धारा जुड़े हों, तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं।
जैसे – सीता पढ़ रही थी परन्तु गीता सो रही थी।
मिश्र वाक्य – जिस वाक्य में एक मुख्य उपवाक्य और उस मुख्य उपवाक्य के आश्रित एक अथवा एक से अधिक उपवाक्य होते है,उन्हें मिश्रित वाक्य कहते है।
जैसे – गीता मोहन की बड़ी बहिन है,जो भरतपूर में रहती है।
Ans : 1. (ब) 2. (स) 3. (अ) 4. (द) 5. (अ) 6. (द)