आओ पाछा गाँव चालां
छोटा सा गाँव मेरा,
पूरा बिग बाजार था...!!
एक नाई,
एक मोची,
एक कालिया लुहार था..!!
छोटे छोटे घर थे, हर आदमी बङा दिलदार था..!!
कही भी रोटी खा लेते, हर घर मे भोजऩ तैयार था..!!
बाड़ी की सब्जी मजे से खाते थे, जिसके आगे शाही पनीर …
जब एक कैदी को फांसी की सजा सुनाई गई
तो वहा के कुछ वैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न इस कैदी पर कुछ प्रयोग किया जाये !
तब कैदी को बताया गया कि हम तुम्हें फांसी देकर नहीं परन्तु जहरीला कोबरा साप डसाकर मारेगें !
और उसके सामने बड़ा सा जहरीला साप ले आन…
दिन बीत जाते है सुहानी यादें बनकर बाते रह जाती है कहानी बनकर पर
दोस्त हंमेशा साथ रहते है कभी मुस्कान तो कभी आँखों का पानी बनकर !!
फूलों की महक को चुराया नही जाता सूरज की किरणों को छुपाया नही जाता
कितने भी दूर रहो ए दोस्त तुम दोस्ती में आप जैसे दोस्त…