दिन बीत जाते है सुहानी यादें बनकर बाते रह जाती है कहानी बनकर पर
दोस्त हंमेशा साथ रहते है कभी मुस्कान तो कभी आँखों का पानी बनकर !!
फूलों की महक को चुराया नही जाता सूरज की किरणों को छुपाया नही जाता
कितने भी दूर रहो ए दोस्त तुम दोस्ती में आप जैसे दोस्त को भुलाया नही जाता !!
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी, बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन, उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी..‼
एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा
टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।