भगवान जगन्नाथ का रथ - हमारा मानव शरीर!
जगन्नाथ जी का रथ लकड़ी के 206 टुकड़ों से बना होता है,
जो मानव शरीर की 206 हड्डियों के समान होते हैं!
रथ के 16 पहिये = 5 ज्ञानेन्द्रियाँ, 5 कर्मेन्द्रियाँ और 6 रिपुर चिन्ह! रथ की रस्सी मन है। बुद्धि का रथ!
इस शरीर-…
हम यहा हनुमान चालीसा का संसोधित रूप बता रहे ॰ जो ग़लतियाँ चली आ रही है कृपया उन्हें आज ही सही करे ओर हनुमान चालीसा से मनवांछित फल पाए।
दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज म…
बुधकौशिक नामक ऋषि द्वारा भगवान श्रीराम की स्तुति में रचा गया स्तोत्र है।
॥ श्रीरामरक्षास्तोत्रम् ॥
॥ श्रीगणेशायनम: ॥
॥ विनियोग ॥
अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य। बुधकौशिक ऋषि:।
श्रीसीतारामचंद्रोदेवता।
अनुष्ट…
भारतीय संस्कृति
अपने भारत की संस्कृति को पहचानें | अपने बच्चों को भी ये सब बताए |
दो पक्ष - कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष
तीन ऋण – देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण
चार युग – सतयुग, त्रेतायुग, द्धापरयुग, कलियुग
चार धाम – द्धारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वर…
श्री दुर्गा जी की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी |
तुमको निशि दिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ||
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को |
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ||
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै |
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पार साजै ||
केहरि व…