परिभाषा = जो शब्दांश के अन्त में लगकर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न करते है | उन्हें प्रत्यय कहते है | जैसे = लघु +अव =लाघव लोहा+आर=लोहार
तृ = दाता, वक्ता, कर्ता, नेता, भ्राता, पिता
तव्य = कर्तव्य, गन्तव्य, ध्यातव्य
अन = लेखन, सम्पादन, हवन, गमन, श्रवण, चलन, जलन
अ = जय, लाभ, लेख, विचार
अव = लाघव, गौरव, पाटव
इक = लौकिक, धार्मिक, वार्षिक, ऐतिहासिक
ईय = राष्ट्रीय, राजकीय, प्रांतीय, नाटकीय, भवदीय
आलु = कृपालु, दयालु, शंकालु
आर = सोनार, लोहार, चमार, कुम्हार
हारा = लकड़हारा, पनिहारा
पन = लडकपन, बचपन, गँवारपन
आल = ननिहाल, ससुराल
हरा= इकहरा, दुहरा, तिहरा
आऊ = बटाऊ, पंडिताऊ, नामधराऊ, खटाऊ,
खाना = दवाखाना, छापाखाना, डाकखाना
दार = मालदार, दुकानदार, जमींदार
दान = कमलदान, पीकदान, धूपदान