परिभाषा – वाक्य संज्ञा या सर्वनाम के कारकीय सम्बन्ध को प्रकट करने वाले चिन्हों को परसर्ग कहते है |
जैसे
1. अध्यापक ने बालको को पाठ पढ़ाया |
2. यह तनु की हिंदी पुस्तक है |
परिभाषा – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप द्धारा उसका सम्बन्ध वाक्य के दुसरे शब्दों के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते है |
1.कर्ता – ने
2.कर्म – को
3.करण – से, द्धारा, के द्धारा, के साथ
4.सम्प्रदान – के लिए, को
5.अपादान – से
6.सम्बन्ध – का, की, के, रा, री, रे, ना, नी, ने
7.अधिकरण – मे, पर, पे
8. सम्बोधन – हे, अरे, अजी, ओ
उदाहरण -
राम ने तीखा चिवड़ा खाया |
मैने खाना खा लिया था |
सीता दूध पीती है |
परिभाषा – जिस शब्द से किसी कम का करना अथवा होना पाया जाये,उसे क्रिया कहते है |
जैसे – बच्चा खेल रहा है | तनु सोता है | मनु टी.वी.देखती है |
इनमे खेल रहा है, सोता है, देखती है, क्रिया के बोधक हैं |
सकर्मक क्रिया – जिन क्रियाओ के व्यापार या कार्य का फल कर्ता पर न पडकर कर्म पर पड़ता है,उसे सकर्मक क्रिया कहते है | जैसे लक्ष्मीनारायण रामायण पढ़ता है |
लक्ष्मण बॉल खेलता है |
अकर्मक क्रिया – जिस क्रिया के साथ कर्म प्रयुक्त न हो तथा क्रिया का व्यापार और फल दोनों ही कर्ता पर ही पड़े, अर्थात वे कर्ता तक ही सिमित रहें और उनसे केवल कार्य का होना ज्ञात हो,उसे अकर्मक क्रिया कहते है –
1. राम सोता है |
2. पेड़ से पत्ता गिरता है |
3. घोड़ा दौड़ता है |
1. भूतकाल –
1. मैने पत्र लिखा
2. राम आया होगा
3. यदि तनु आता तो में भी उसके साथ जाता |
2. वर्तमान काल –
1. सीता शायद लिख रही हो |
2. गीता खेल रही है |
3. भविष्यत काल –
1. सीता खाना पकायेगी |
2.गीता कल विद्यालय जयेगी |
Ans : 1. (अ) 2. (द) 3. (स) 4. (अ) 5. (ब)