पैर की मोच और छोटी सोच, हमें आगे बढ़ने नहीं देती ।
टुटी कलम और औरो से जलन, खुद का भाग्य लिखने नहीं देती ।
काम का आलस और पैसो का लालच, हमें महान बनने नहीं देता ।
अपना मजहब उंचा और गैरो का ओछा, ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती ।
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,.... केवल अपनी गलती नहीं मिलती...
Some lines with deep meanings. ...
बुलंदी की उडान पर हो तो , जरा सब्र रखो। परिंदे बताते हैं कि , आसमान में ठिकाने नही होते ।।
चढ़ती थीं उस मज़ार पर चादरें बेशुमार , लेकिन बाहर बैठा कोई फ़क़ीर सर्दी से मर गया।।
कितनी मासुम सी ख़्वाहिश थी इस नादांन दिल की , जो चाहता था कि.. शादी भी करूँ और .... ख़ुश भी रहूँ ।।
छत टपकती है उसके कच्चे घर की , वो किसान फिर भी बारिश की दुआ माँगता है ।।
तेरे डिब्बे की वो दो रोटिया कही भी बिकती नहीं , माँ ........... होटल के खाने से आज भी भूख मिटती नहीं ।।
सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर , सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है ।।
लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी , पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया ।।
" मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए , वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये ।।