वक़्त आपका है
चाहो तो सोना बना लो
और
चाहो तो सोने में गुज़ार दो..';
दुनिया आपके 'उदाहरण' से बदलेगी...
आपकी 'राय' से नहीं !!
जो निखर कर बिखर जाए
वो ';कर्तव्य'; है और.!
जो बिखर कर निखर जाए
वो 'व्यक्तित्व' है..!!
''इंसान ने वक़्त से पूछा...
"मै हार क्यूं जाता हूँ ?"
वक़्त ने कहा..
धूप हो या छाँव हो,
काली रात हो या बरसात हो,
चाहे कितने भी बुरे हालात हो,
मै हर वक़्त चलता रहता हूँ,
इसीलिये मैं जीत जाता हूँ,
तू भी मेरे साथ चल,
कभी नहीं हारेगा............."