This is a truth that we all know, but do not believe it.
एक पण्डित जी एक दिन एक बच्चे से उलझ गये ।
बच्चे ने भी एक प्रश्न दाग दिया कि,
"वो कौन-सी वस्तु है, जो कभी अपवित्र नहीं होती......?" (
पण्डित जी टोपी उतार कर पसीने-पसीने हो गये, मगर, उस बच्चे के प्रश्न का जवाब नहीं दे पाये ।
आखिर, हार मान कर बोले, चल तू बता ।
बच्चे ने कहा कि कभी न अपवित्र होने वाली वस्तु है,
टैन्ट हाउस के गद्दे, जिसे......
हिन्दू,-मुसलमान से ले कर पण्डित, हरिजन कुम्हार , डोम और बाल्मीकि सभी धर्म के लोग इस्तेमाल करते हैं ।
ये गद्दे मैयत से लेकर पूजा पण्डाल तक और धार्मिक कथा से ले कर उठावनी तक हर मौके पर बिछते हैं ।
इनको कोई सुतक भी नहीं लगता ।
बाराती भी इन गद्दों पर सोम-रस पीने के बाद वमन करते हैं ।
छोटे बच्चों को सुविधानुसार इन पर पेशाब करा दिया जाता है ।
इतना ही नहीं, इन पर बिछी चादरों से जूते भी चमका लियेे जाते हैं ।
हद तो तब होती है, जब हलवाई इन चादरों में पनीर का चक्का लटका देता है ।
उसी पनीर से क्या मजे का मटर-पनीर बनता है....
पण्डित चारों खाने चित था.....!!
बच्चा पण्डित जी पर पानी के छीटे मार रहा था......!!
इस पोस्ट को एक चुटकुले के नजरिए से ना देखा जाए।
यह एक सत्यता है जिसे हम सब जानते , पर मानते नही है।
और दिखावा करते है।