श्री नाथजी के दर्शनो की महिमा
मंगला के किए मंगलमुखी बनो ।
श्रंगार के किये सुखी बनो ।
ग्वाल के किये बाल सगं खेल खेलो ।
राजभोग के किये राजा बनो ।
उत्थापन के किये उत्पीडंन न हो ।
भोग के किये निरोगी बनो ।
आरती के किये स्वार्थी न होये ।
शयन के किये तो नित चैन होय ।