डेंगू – आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है | यह एक ऐसा वायरल है जिसका मॉडर्न मेडिकल चिकित्सा प्रद्धति में कोई इलाज नही है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है की कोई भी उसे कर सकता है |
डेंगू के लक्षण – तीव्र ज्वर, सर में तेज दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उलटियाँ लगना,त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेजी से कम होना डेंगू के लक्षण है जिनका सही समय पर इलाज नही किया जाए तो रोगी की म्रत्यू भी हो सकती है |
डेंगू के उपचार – 1. अनार जूस और गेंहू घास रस – अनार जूस तथा गेंहू घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है
2. गेंहू घास रस – गेंहू घास रस पिने से भी नया खून बनता है, यदि गेंहू घास रस न मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है |
2. पपीते के पतों का रस – पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है, उसकी ताज़ी पतियों का रस निकाल कर मरीज को 1 से 2 बार दें, एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी |
3. गिलोय/अम्रता/अमरबेल सत्व – गिलोय की बेल का सत्व मरीज को दिन में 1-2 बार दें, इससें खून में प्लेटलेट की संख्या बढ़ती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है तथा कई रोगों का नाश होता है | यदि गिलोय की बेल आपको न मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर “गिलोय घनवटी” ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें |
4. यदि बुखार 2 दिन से ज्यादा रहे तो खून की जाँच आवश्यक करवा लें |
5. यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोड़ा निम्बू मिला कर रोगी को दें, उलटियाँ बंद हो जाएगी |
6. यदि रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीजें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती है |
7. डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आयें उतना जल्दी उपचार आसन हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है |
Note : Please consult with doctor as per your requirement.