गीता में साफ़ शब्दो मे लिखा है..
निराश मत होना..
कमजोर तेरा वक्त है..
तू नही........
ये संसार "जरूरत" के नियम पर चलता है....
सर्दियो में जिस "सूरज" का इंतजार होता है,
उसी "सूरज" का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है.....
आप की कीमत तब तक होगी जब तक आपकी जरुरत है...!
"तालाब एक ही है..,
उसी तालाब मे हंस मोती चुनता है और बगुला मछली...!
सोच सोच का फर्क होता है...!
आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है...!!
यदि हम गुलाब की तरह खिलना चाहते है तो काँटों के साथ तालमेल की कला सीखनी होगी...
मन और मकान को.. वक्त - वक्त पर साफ करना बहुत जरूरी है
क्योंकि
मकान में बेमतलब सामान.. और मन में बेमतलब गलत फहमियां भर जाती हैं..
मन भर के जीयो.. मन में भर के मत जीयो
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे !!
इन्सान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे !!
कल क्या होगा कभी मत सोचो !!
क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे !!
घर ????के बाहर दिमाग़ लेकर जायें,
क्योंकि दुनिया एक बाज़ार है.
लेकिन घर के अंदर सिर्फ ???? दिल लेकर जायें
क्योंकि वहाँ एक परिवार है!!
धन को एकत्रित करना सहज हैं !
लेकिन संस्कारों को एकत्रित करना कठिन हैं !
धन को तो लूटा जा सकता हैं
लेकिन संस्कारों के लिए समर्पित होना पड़ता है।
"सदा मुस्कुराते रहिये"
आपका दिन मंगलमय हो।