Nice line
प्यास लगी थी गजब की......
मगर पानी कम था.....
पीते तो मर जाते.....
ना पीते तो भी मर जाते....
बस यही दो मसले, जिंदगीभर हल ना हो सके.....
ना नींद पुरी हुई, न ख्वाब मुकम्मल हुए.....
वक्त ने कहा – काश थोड़ा और सब्र होता.....
सब्र ने कहा – काश थोड़ा और वक्त होता.....
सुबह-सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहब....
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोडकर......
“हुनर” सड़कों पर तमाशा करता है और “किस्मत” महलों में राज.....
शिकायते तो बहुत है तुझसे ए जिन्दगी......
पर चुप इसलिए हु कि, जो दिया तूने, वो भी बहुतों को नसीब नहीं होता....