❝Man needs his difficulties because they are necessary to enjoy success.❞
Category : General
By : User image Naveen
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12 Aug 16
Money-Money

Money Money

 एक दौलतमंद इंसान ने अपने बेटे को वसीयत देते हुए कहा, बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैरों में ये फटे हुऐ मोज़े (जुराबें) पहना देना, मेरी यह इच्छा जरूर पूरी करना।
पिता के मरते ही नहलाने के बाद, बेटे ने पंडितजी से पिता की आखरी इक्छा बताई ।
पंडितजी ने कहा: हमारे धर्म में कुछ भी पहनाने की इज़ाज़त नही है ।
पर बेटे की ज़िद थी कि पिता की आखरी इच्छा पूरी हो। बहस इतनी बढ़ गई की शहर के पंडितों को जमा किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसी माहौल में एक व्यक्ति आया, और आकर बेटे के हाथ में पिता का लिखा हुआ खत दिया, जिस में पिता की नसीहत लिखी थी !
"मेरे प्यारे बेटे" देख रहे हो न ..... ? ? ?
दौलत, बंगला, गाड़ी और बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी, मैं एक फटा हुआ मोजा तक नहीं ले जा सकता ।
एक रोज़ तुम्हें भी मृत्यु आएगी, आगाह हो जाओ, तुम्हें भी एक सफ़ेद कपडे में ही जाना पड़ेगा। लिहाज़ा कोशिश करना, पैसों के लिए किसी को दुःख मत देना, ग़लत तरीक़े से पैसा ना कमाना, धन को धर्म के कार्य में ही लगाना। क्यूँकि अर्थी में सिर्फ तुम्हारे कर्म ही जाएंगे।

इसको गोर से पढ़ना दोस्तों : फिर क्यों इन्सान धन की लालसा नहीं छोड़ता, भाई को भाई नहीं समझता, इस धन के कारण भाई, मां, बाप बाकि सभी सम्बन्धो नातो सबको भूल जाता है अंधा हो जाता है किसी को कुछ नहीं समझता जब की अंत में तो सबको खाली हाथ सिर्फ एक सफ़ेद कपडे में जाना हे और तो और इस सुन्दर शरीर को भी यही जलकर राख हो जाना हे यही सबके जीवन का अंतिम सत्य है ।


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