चाणक्य के वाक्य :-
1. दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है |
2. हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरुर होता है, यह कड़वा सच है |
3. अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो | छ: साल से पन्द्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो | सोलह साल से उनके साथ मित्रता व्यवहार करो | आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है |”
4. दुसरों की गलतियों से सिखों अपनें ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी |
5. किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहियें | सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं |
6. अगर कोई सर्प जहरीला नहीं हैं तब भी उसे जहरीला दिखाना चाहिए वैसे दंश भले ही न हो पर दंश दे सकने की क्षमता का दुसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए |
7. कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो.....(अ) में ऐसा क्यों करके जा रहा हूँ ? (ब) इसका क्या परिणाम होगा ? (स) क्या मैं सफल रहूँगा ?
8. भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला कर दो यानी भय से भागों मत इसका सामना करो |
9. काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो |
10. सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है |”
11. ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ |
12. व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं |
13. ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या निचे के है उन्हें दोस्त न बनाओ, वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेंगे | सामान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं |
14. अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है |
15. शीक्षा सबसे अच्छी मित्र है | शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है | शीक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौन्दर्य दोनों ही कमजोर हैं |