❝ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा न खोए औरो को शीतल करे आपन शीतल होए |❞
Category : Motivational
By : User image Sonal
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08 Jul 15

भोजन और प्रसाद

भोजन और प्रसाद में बस इतना अंतर हे कि....

भोजन थाली भर भर लेते हें और छोड़ देते हें...

प्रसाद जमीन पर भी गिर जाये तो उठा कर खाते हें.....

 

भोजन को प्रसाद मान लें तो कभी अन्य बर्बाद न हो.........

इतना ही लें थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में.....


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