❝लोग क्या कहेंगे - Sabse Bada ROG... Kya Kahenge LOG... - Be Positive❞
Category : General
By : User image Well wisher
Comments
0
Views
1254
Posted
21 Jan 16

बेटी से माँ का सफ़र  (बहुत खूबसूरत पंक्तिया , सभी महिलाओ को समर्पित)

बेटी से माँ का सफ़र
बेफिक्री से फिकर का सफ़र
रोने से चुप कराने का सफ़र
उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र

पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी  ।
आज किसी को आँचल में छुपा लेती हैं ।

पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को उठाया करती थी ।
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती हैं ।

छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी
बड़ी बड़ी बातों को मन में  रखा करती हैं ।

पहले दोस्तों से लड़ लिया करती थी ।
आज उनसे बात करने को तरस जाती हैं ।

माँ कह कर पूरे घर में उछला करती थी ।
माँ सुन के धीरे से मुस्कुराया करती हैं ।

10 बजे उठने पर भी जल्दी उठ जाना होता था ।
आज 7 बजे उठने पर भी
लेट हो जाता हैं ।

खुद के शौक पूरे करते करते ही साल गुजर जाता था ।
आज खुद के लिए एक कपडा लेने में आलस आ जाता हैं ।

पूरे दिन फ्री होके भी बिजी बताया करते थे ।
अब पूरे दिन काम करके भी फ्री
कहलाया करते हैं ।

साल की एक एग्जाम के लिए पूरे साल पढ़ा करते थे।
अब हर दिन बिना तैयारी के एग्जाम दिया करते हैं ।

ना जाने कब किसी की बेटी
किसी की माँ बन गई ।
कब बेटी से माँ के सफ़र में तब्दील हो गई .....


13
3

View Comments :

No comments Found
Add Comment