रोटी पर "घी" और
नाम के साथ "जी"
लगाने से,
"स्वाद" और "इज्जत"
दोनों बढ़ जाते हैं |
इंसान “जन्म” के दो “वर्ष” बाद
“बोलना” सीख जाता है
लेकिन
“बोलना” क्या है ये “सीखने” मैं
पूरा “जन्म” लग जाता है।
इसे शांत चित्त से पढिए।
हर लडकी के लिए प्रेरक कहानी...
और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा...,
कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
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अशोक भाई ने घर मेँ पैर रखा....‘अरी सुनती हो !'
आवाज सुनते ही अशोक भाई की पत्नी हाथ मेँ…
आओ पाछा गाँव चालां
छोटा सा गाँव मेरा,
पूरा बिग बाजार था...!!
एक नाई,
एक मोची,
एक कालिया लुहार था..!!
छोटे छोटे घर थे, हर आदमी बङा दिलदार था..!!
कही भी रोटी खा लेते, हर घर मे भोजऩ तैयार था..!!
बाड़ी की सब्जी मजे से खाते थे, जिसके आगे शाही पनीर …
भारतीय संस्कृति
अपने भारत की संस्कृति को पहचानें | अपने बच्चों को भी ये सब बताए |
दो पक्ष - कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष
तीन ऋण – देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण
चार युग – सतयुग, त्रेतायुग, द्धापरयुग, कलियुग
चार धाम – द्धारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वर…
जब एक कैदी को फांसी की सजा सुनाई गई
तो वहा के कुछ वैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न इस कैदी पर कुछ प्रयोग किया जाये !
तब कैदी को बताया गया कि हम तुम्हें फांसी देकर नहीं परन्तु जहरीला कोबरा साप डसाकर मारेगें !
और उसके सामने बड़ा सा जहरीला साप ले आन…