भारतीय संस्कृति
अपने भारत की संस्कृति को पहचानें | अपने बच्चों को भी ये सब बताए |
दो पक्ष - कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष
तीन ऋण – देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण
चार युग – सतयुग, त्रेतायुग, द्धापरयुग, कलियुग
चार धाम – द्धारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वर…
श्री दुर्गा जी की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी |
तुमको निशि दिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ||
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को |
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ||
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै |
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पार साजै ||
केहरि व…
ॐ के 11 शारीरिक लाभ:
ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,
"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का…
श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी ।
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को…
एक समय मोची का काम करने वाले व्यक्ति को रात में भगवान ने सपना दिया और कहा - कल सुबह मैं तुझसे मिलने तेरी दुकान पर आऊंगा !
मोची की दुकान काफी छोटी थी और उसकी आमदनी भी काफी सीमित थी। खाना खाने के बर्तन भी थोड़े से थे। इसके बावजूद वो अपनी जिंदगी से खुश …