Category : Motivational Anonymous   06 Feb, 18
Comments : 0   Views : 234

Angry - गुस्सा

 "पितामह भीष्म के जीवन का एक ही पाप था कि उन्होंने समय पर क्रोध नहीं किया
 और
जटायु के जीवन का एक ही पुण्य था कि उसने समय पर क्रोध किया...
परिणामस्वरुप एक को बाणों की  शैय्या मिली
और
 एक को प्रभु श्री राम की गोद..

      अर्थात
क्रोध भी तब पुण्य बन जाता है जब वह धर्म और मर्यादा की रक्षा के लिए किया जाए
और
सहनशीलता भी तब पाप बन जाती है जब वह धर्म और मर्यादा की रक्षा ना कर पाये।"

1
0

View Comments :

No comments Found