Category : Motivational Anonymous 23 Feb, 16
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एक बार अंगूर खरीदने के लिए एक फल बेचने वाले के पास रूका..
पूछा "क्या भाव है?"गुच्छों का ?
बोला : "80 रूपये किलो ।"
पास ही अलग से कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।
मैंने पूछा : "क्या भाव है इन का ?"
वो बोला : "30 रूपये किलो"
मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..?
वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया..!!
लेकिन .....अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।"
मैं समझ गया कि अपने....संगठन...समाज और परिवार से अलग होने पर हमारी कीमत..........आधे से भी कम रह जाती है।
संगठन में शक्ति है ।
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